ऐ परी!
एक तू आती नहीं
आती है तो दबे पाँव आती है
दिल में मेरे हलचल मचती ह,
और उदास कर जाती है.....
मैं न तब था
न अब हूँ...
और अब तो सवाल ही नही उठता
निष्ठुर हवा के झोकों ने
तिनका तिनका उडा दिया है
जीने को कोई पता न दिया है....
जानता हूँ,
बुनती हो, चुनती हो, पीती हो,
ख्यालों को....
लगता है पी रही हो प्यालो को....
मेरे स्वप्न मर न सके शायद
एक तू आती नहीं ....
ऐ परी!
एक तू आती नहीं
आती है तो दबे पाँव आती है
दिल में मेरे हलचल मचती ह,
और उदास कर जाती है.....
मैं न तब था
न अब हूँ...
और अब तो सवाल ही नही उठता
निष्ठुर हवा के झोकों ने
तिनका तिनका उडा दिया है
जीने को कोई पता न दिया है....
जानता हूँ,
बुनती हो, चुनती हो, पीती हो,
ख्यालों को....
लगता है पी रही हो प्यालो को....
मेरे स्वप्न मर न सके शायद
एक तू आती नहीं ....
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